Unlock the Power of Shiv Ji Ki Aarti and 3 benefits: ओम जय शिव ओंकारा

Unlock divine blessings with Shiv Ji Ki Aarti ‘Om Jai Shiv Omkara’—discover 3 powerful benefits: spiritual liberation, fulfilled desires, and cosmic balance. Learn the correct way to perform it!

शिव जी की पूजा के दौरान आरती करने से भक्तों के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। आप भी शिवरात्रि पर जरुर करें शिव आरती।

देवों के देव माहादेव की आरती करने से आपके बिगड़े काम बन जाते हैं. सोमवार के दिन शिव आराधना करना फलदायी होता है. क्योकि सोमवार का दिन महादेव को समर्पित है. शिव जी की कृपा पाने के लिए भक्त सोमवार के दिन भी व्रत रखते हैं और शिव भक्ति में लीन रहते हैं. इस दिन पूजा के दौरान भगवान शिव शंकर की आरती करने से भक्तों के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं. आप भी हर सोमवार जरुर करें शिव आरती..
भगवान शिव की आरती एक पवित्र और शक्तिशाली पूजा है, जो भक्तों के सभी कष्टों को दूर करने में मदद करती है। सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित है, और इस दिन उनकी आराधना करना फलदायी होता है।

सोमवार के दिन शिव आराधना का महत्व
1. भगवान शिव को समर्पित: सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित है।
2. फलदायी: सोमवार के दिन शिव आराधना करना फलदायी होता है।
3. व्रत और पूजा: सोमवार के दिन व्रत रखना और पूजा करना भगवान शिव की कृपा पाने के लिए किया जाता है।

Shiv Ji Ki Aarti:

Unlock the Power of Shiv Ji Ki Aarti and 3 benefits: ओम जय शिव ओंकारा

एकानन चतुरानन पञ्चानन राजे. हंसानन गरूड़ासन
वृषवाहन साजे..
ओम जय शिव ओंकारा..

दो भुज चार चतुर्भुज दसभुज अति सोहे.
त्रिगुण रूप निरखते त्रिभुवन जन मोहे..
ओम जय शिव ओंकारा..

अक्षमाला वनमाला मुण्डमालाधारी.
त्रिपुरारी कंसारी कर माला धारी..
ओम जय शिव ओंकारा..

श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे.
सनकादिक गरुड़ादिक भूतादिक संगे..
ओम जय शिव ओंकारा..

ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका.
मधु कैटव दोउ मारे, सुर भयहीन करे..
ओम जय शिव ओंकारा..

लक्ष्मी, सावित्री पार्वती संगा.
पार्वती अर्द्धांगी, शिवलहरी गंगा..
ओम जय शिव ओंकारा..

पर्वत सोहें पार्वतू, शंकर कैलासा.
भांग धतूर का भोजन, भस्मी में वासा..
ओम जय शिव ओंकारा..

जया में गंग बहत है, गल मुण्ड माला.
शेषनाग लिपटावत, ओढ़त मृगछाला..
ओम जय शिव ओंकारा..

काशी में विराजे विश्वनाथ, नन्दी ब्रह्मचारी.
नित उठ दर्शन पावत, महिमा अति भारी..
ओम जय शिव ओंकारा..

त्रिगुणस्वामी जी की आरति जो कोई नर गावे.
कहत शिवानन्द स्वामी मनवान्छित फल पावे..
ओम जय शिव ओंकारा.. ओम जय शिव ओंकारा.

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Ganesh Ji Ki Aarti: जय गणेश जय गणेश 2 Most Powerful Ganesh Mantra for Peace & Prosperity

Ganesh Ji ki Aarti: भगवान गणेश प्रथम पूज्य देव माने जाते हैं। हिंदू धर्म में किसी भी शुभ काम को करने से पहले भगवान श्री गणेश की पूजा-अर्चना की जाती है।प्रथम पूज्य भगवान गणेश की आरती, जय गणेश जय गणेश देवा का गायन करने से बुद्धि का विकास होता है और भगवान गणेश का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। गणेशजी की आरती गायन से सभी कष्ट दूर होते हैं और जीवन में मंगल ही मंगल रहता है। गणेशजी की कृपा बनी रहती है और सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है।

घर पर गणेश आरती कैसे करें?

  • आरती आरंभ करने से पूर्व तीन बार शंख का उद्घोष करें. शंख बजाते समय मुख को ऊपर की ओर रखें. शंख को धीरे से प्रारंभ करते हुए, धीरे-धीरे उसकी आवाज को बढ़ाएं.
  • आरती के दौरान ताली बजाना न भूलें. घंटी को एक समान लय में बजाएं और आरती को भी सुर और लय के अनुसार गाएं. इसके साथ ही झांझ, मझीरा, तबला, हारमोनियम जैसे वाद्य यंत्रों का भी प्रयोग करें.
  • आरती गाते समय उच्चारण को शुद्ध रखें.
  • आरती के लिए शुद्ध कपास से निर्मित घी की बत्ती का उपयोग करें. तेल की बत्ती से बचना चाहिए. कपूर का भी आरती में प्रयोग किया जाता है. बत्तियों की संख्या एक, पांच, नौ, ग्यारह या इक्कीस हो सकती है.
  • आरती को घड़ी की सुइयों की दिशा में लयबद्ध तरीके से करना चाहिए।

शाम को आरती कितने बजे करनी चाहिए?

  • शाम की आरती सामान्यतः शाम 5 बजे से 7 बजे के बीच आयोजित की जाती है. हालांकि, यह समय के अनुसार परिवर्तित हो सकता है।

 

Ganesh Ji Ki Aarti: जय गणेश जय गणेश और जय देव जय देव | 2 Most Powerful Ganesh Mantra for Peace & Prosperity
Ganesh Ji Ki Aarti: जय गणेश जय गणेश और जय देव जय देव | 2 Most Powerful Ganesh Mantra for Peace & Prosperity

Ganesh Ji ki Aarti 

जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।।

एकदंत, दयावन्त, चार भुजाधारी,
माथे सिन्दूर सोहे, मूस की सवारी।

जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा।

माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।।

पान चढ़े, फूल चढ़े और चढ़े मेवा,
लड्डुअन का भोग लगे, सन्त करें सेवा।। .

जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश, देवा।

माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।।

अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया,
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया।

जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।।

‘सूर’ श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा।

माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥

जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा …
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।

दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी।
कामना को पूर्ण करो जय बलिहारी।

जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा …
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।

 

Ganesh Ji ki Aarti: जय देव जय देव

 

सुखकर्ता दुःखहर्ता वार्ता विघ्नाची

नुरवी पुरवी प्रेम कृपा जयाची

सर्वांगी सुंदर उटी शेंदुराची

कंठी झलके माल मुक्ता फलांची।

जयदेव जयदेव जयदेव जयदेव

जयदेव जयदेव जय मंगलमूर्ति

दर्शन मात्रे मन कामना पूर्ती।

जयदेव जयदेव जयदेव जयदेव

रत्नखचित फरा तुज गौरीकुमरा

चंदनाची उटी कुमकुम केशरा

हीरे जड़ित मुकुट शोभतो बरा

रुणझुणती नूपुरे चरणी घागरिया।

जयदेव जयदेव जयदेव जयदेव

जयदेव जयदेव जय मंगलमूर्ति

दर्शन मात्रे मन कामना पूर्ती।

जयदेव जयदेव जयदेव जयदेव

लम्बोदर पीताम्बर फणिवर बंधना

सरल सोंड वक्र तुंड त्रिनयना

दास रामाचा वाट पाहे सदना

संकटी पावावे निर्वाणी रक्षावे सुर वर वंदना।

जयदेव जयदेव जयदेव जयदेव

जयदेव जयदेव जय मंगलमूर्ति

दर्शन मात्रे मन कामना पूर्ती।

जयदेव जयदेव जयदेव जयदेव ।।

आरती के बाद इस मंत्र का जप करने से आरती संपूर्ण मानी जाती है : –

वर्णानामर्थसंघानां रसानां छन्दसामपि।
मंगलानां च कर्त्तारौ वन्दे वाणीविनायकौ॥1॥
गजाननं भूत गणादि सेवितं,
कपित्थ जम्बू फल चारू भक्षणम् ।
उमासुतं शोक विनाशकारकम्,
नमामि विघ्नेश्वर पाद पंकजम् ॥

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Maa Durga Aarti Powerful Lyrics in Hindi 2025: जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी

Maa Durga Aarti: Lyrics: 30 मार्च से चैत्र नवरात्र का आरंभ होने वाला है. नवरात्र 30 मार्च से 6 अप्रैल तक मनाए जाएंगे. इस वर्ष माता रानी के नवरात्र रविवार से प्रारंभ हो रहे हैं, इसलिए माता हाथी पर सवार होकर आएंगी. शास्त्रों में देवी की हाथी की पालकी को अत्यंत शुभ माना गया है.आपको बता दें नवरात्र के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है . नवरात्रि में प्रतिदिन पूजा के बाद मां दुर्गा की आरती अनिवार्य मानी जाती है. यही नहीं, आम दिनों में भी पूजा के दौरान इस आरती की जरूरत पड़ सकती है. ऐसे में मां दुर्गा की आरती 🙏🏻🙏🏻

Maa Durga Aarti का महत्व

Maa Durga Aarti नवरात्रि के उत्सव का एक अभिन्न अंग है और हिंदू धर्म में इसका विशेष महत्व है। यहाँ कुछ कारण हैं जिनकी वजह से माँ दुर्गा आरती आवश्यक है:

  • आध्यात्मिक महत्व
    1. दिव्य ऊर्जा का आह्वान: आरती माँ दुर्गा की दिव्य ऊर्जा को आह्वान करने का एक तरीका है, उनके आशीर्वाद और सुरक्षा की मांग करते हैं।
    2. पवित्रीकरण और शुद्धिकरण: आरती अनुष्ठान को मन, शरीर और आत्मा को पवित्र और शुद्ध करने वाला माना जाता है।
  • सांस्कृतिक और पारंपरिक महत्व
    1. विरासत को आगे बढ़ाना: माँ दुर्गा आरती एक परंपरा है जो पीढ़ियों से चली आ रही है, जो भक्तों को उनकी सांस्कृतिक विरासत से जोड़ती है।
    2. समुदाय का बंधन: आरती अक्सर सामूहिक रूप से की जाती है, जो भक्तों के बीच एकता और समुदाय की भावना को बढ़ावा देती है।
  • व्यक्तिगत लाभ
    1. मानसिक शांति और शांति: माँ दुर्गा आरती में भाग लेने से मानसिक शांति, शांति और एकता की भावना मिलती है।
    2. मार्गदर्शन और सुरक्षा की मांग: भक्त माँ दुर्गा से आरती अनुष्ठान के माध्यम से मार्गदर्शन और सुरक्षा की मांग करते हैं, जो जीवन की चुनौतियों का सामना करने में उनकी मदद करते हैं।
  • अनुष्ठानिक महत्व
    1. पूजा की समाप्ति: आरती नवरात्रि पूजा का एक आवश्यक हिस्सा है, जो पूजा अनुष्ठान की समाप्ति को चिह्नित करती है।
    2. कृतज्ञता व्यक्त करना: माँ दुर्गा आरती भक्तों के लिए देवी के आशीर्वाद और सुरक्षा के लिए कृतज्ञता व्यक्त करने का एक तरीका है।

Maa Durga Aarti Hindi Lyrics Here– 

Maa Durga Aarti Powerful Lyrics in Hindi 2025: जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी

जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी।
तुमको निशिदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी॥
जय अम्बे गौरी
माँग सिन्दूर विराजत, टीको मृगमद को।
उज्जवल से दोउ नैना, चन्द्रवदन नीको॥
जय अम्बे गौरी

कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजै।
रक्तपुष्प गल माला, कण्ठन पर साजै॥
जय अम्बे गौरी
केहरि वाहन राजत, खड्ग खप्परधारी।
सुर-नर-मुनि-जन सेवत, तिनके दुखहारी॥
जय अम्बे गौरी

कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती।
कोटिक चन्द्र दिवाकर, सम राजत ज्योति॥
जय अम्बे गौरी
शुम्भ-निशुम्भ बिदारे, महिषासुर घाती।
धूम्र विलोचन नैना, निशिदिन मदमाती॥
जय अम्बे गौरी

चण्ड-मुण्ड संहारे, शोणित बीज हरे।
मधु-कैटभ दोउ मारे, सुर भयहीन करे॥
जय अम्बे गौरी
ब्रहमाणी रुद्राणी तुम कमला रानी।
आगम-निगम-बखानी, तुम शिव पटरानी॥
जय अम्बे गौरी

चौंसठ योगिनी मंगल गावत, नृत्य करत भैरूँ।
बाजत ताल मृदंगा, अरु बाजत डमरु॥
जय अम्बे गौरी
तुम ही जग की माता, तुम ही हो भरता।
भक्तन की दु:ख हरता, सुख सम्पत्ति करता॥
जय अम्बे गौरी

भुजा चार अति शोभित, वर-मुद्रा धारी।
मनवान्छित फल पावत, सेवत नर-नारी॥
जय अम्बे गौरी
कन्चन थाल विराजत, अगर कपूर बाती।
श्रीमालकेतु में राजत, कोटि रतन ज्योति॥
जय अम्बे गौरी

श्री अम्बेजी की आरती, जो कोई नर गावै।
कहत शिवानन्द स्वामी, सुख सम्पत्ति पावै॥
जय अम्बे गौरी


 Durga Aarti/ Ambe Tu Hai Jagdambe Kali:

अंबे जी की आरती

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Maa Durga Aarti Powerful Lyrics in Hindi 2025: जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी

अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली,
तेरे ही गुण गावें भारती, ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती।

तेरे भक्त जनो पर माता भीर पड़ी है भारी।
दानव दल पर टूट पड़ो मां करके सिंह सवारी॥
सौ-सौ सिहों से बलशाली, है अष्ट भुजाओं वाली,
दुष्टों को तू ही ललकारती।
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥

माँ-बेटे का है इस जग में बड़ा ही निर्मल नाता।
पूत-कपूत सुने है पर ना माता सुनी कुमाता॥
सब पे करूणा दर्शाने वाली, अमृत बरसाने वाली,
दुखियों के दुखड़े निवारती।
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥

नहीं मांगते धन और दौलत, न चांदी न सोना।
हम तो मांगें तेरे चरणों में छोटा सा कोना॥
सबकी बिगड़ी बनाने वाली, लाज बचाने वाली,
सतियों के सत को संवारती।
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥

चरण शरण में खड़े तुम्हारी, ले पूजा की थाली।
वरद हस्त सर पर रख दो माँ संकट हरने वाली॥
माँ भर दो भक्ति रस प्याली, अष्ट भुजाओं वाली,
भक्तों के कारज तू ही सारती।
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥

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