Sawan (Shravan) Mass 2025 Date
कब से शुरू हो रहा है
श्रावण मास हिन्दू पंचांग के अनुसार वर्ष का सबसे पवित्र महीना माना जाता है। यह महीना भगवान शिव को समर्पित होता है और इस दौरान श्रद्धालु व्रत रखते हैं, कांवड़ यात्रा करते हैं और हर सोमवार को शिवलिंग पर जल अर्पित करते हैं।
वैदिक पंचांग के अनुसार, इस वर्ष सावन का महीना 11 जुलाई 2025 से शुरू होगा।
इससे पहले 10 जुलाई को आषाढ़ पूर्णिमा है, जो 10 जुलाई की रात 1:36 बजे से शुरू होकर 11 जुलाई की रात 2:06 बजे तक रहेगी। सनातन परंपरा में उदया तिथि को मान्यता दी जाती है, इसी कारण श्रावण मास की प्रतिपदा तिथि 11 जुलाई की रात 11:07 मिनट से आरम्भ होकर 12 जुलाई की रात 2:08 मिनट तक रहेगी। और इसीलिए 11 जुलाई से सावन माह की शुरुआत मानी जाएगी।
📅 Sawan (Shravan) Mass 2025 की तिथियां :
सोमवार दिनांक
पहला सोमवार 14 जुलाई 2025
दूसरा सोमवार 21 जुलाई 2025
तीसरा सोमवार 28 जुलाई 2025
चौथा सोमवार 4 अगस्त 2025
पाँचवाँ सोमवार 11 अगस्त 2025
कब-कब है मंगला गौरी व्रत 2025 Dates
15 जुलाई- सावन का पहला मंगला गौरी व्रत
22 जुलाई- सावन का दूसरा मंगला गौरी व्रत
29 जुलाई – सावन का तीसरा मंगला गौरी व्रत
05 अगस्त -सावन का तीसरा मंगला गौरी व्रत
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मान्यता है कि इस माह में भगवान शिव ने विषपान किया था, जिसे सागर मंथन के समय निकाला गया था।
यह महीना भक्ति, संयम और साधना के लिए श्रेष्ठ माना जाता है।
श्रद्धालु इस समय सभी प्रकार के नकारात्मक प्रभावों को दूर करने के लिए भगवान शिव की पूजा करते हैं।
🙏 Sawan (Shravan) Mass 2025 सोमवार व्रत विधि:
प्रातः स्नान करके शुद्ध वस्त्र पहनें।
व्रत का संकल्प लें – “ॐ नमः शिवाय” का जाप करें।
शिवलिंग पर जल, दूध, शहद, दही, घी से अभिषेक करें।
बेलपत्र, धतूरा, आक, फूल अर्पित करें।
शाम को शिव चालीसा, आरती और कथा करें।
फलाहार करें या एक समय सात्विक भोजन लें।
📖Sawan (Shravan) Mass 2025 सोमवार व्रत कथा:
एक बार एक निर्धन ब्राह्मण दंपत्ति हर सोमवार को व्रत रखते थे। उनके समर्पण से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें धन, संतान और सुख-शांति का आशीर्वाद दिया। इस व्रत से कर्ज़ मुक्ति, विवाह में विलंब, संतान सुख और मानसिक शांति मिलती है।
🚩 Sawan (Shravan) Mass 2025 में क्या करें और क्या न करें?
करें (Do’s) न करें (Don’ts)
1 – प्रतिदिन “ॐ नमः शिवाय” का जाप 1- मांस, शराब और तामसिक भोजन से परहेज
2- सोमवार को व्रत और जलाभिषेक 2- झूठ, कटु वचन और क्रोध से बचें
3- कांवड़ यात्रा करें (यदि संभव हो) 3- बाल कटवाना या नाखून काटना टाले
🧘 Sawan (Shravan) Mass 2025 में खास उपाय (शिव कृपा पाने हेतु):
हर रोज़ शिव पंचाक्षरी मंत्र – “ॐ नमः शिवाय” – का कम से कम 108 बार जाप करें।
सोमवार को शिव मंदिर में जल से भरा लोटा और बेलपत्र अर्पित करें।
“महा मृत्युंजय मंत्र” का जाप करें — रोग और मृत्यु भय से रक्षा करता है।
शिवजी की आरती | Shiv Ji Ki Aarti Lyrics in Hindi
ॐ जय शिव ओमकारा स्वामी जय शिव ओमकार, यह आरती भगवान शिव के पूजन में गाया जाने वाला सबसे प्रमुख और प्रसिद्ध शिव आरती है। इस आरती के गायन से भगवान शिव के ओमकार स्वरूप का बोध होता है जो उनकी व्यापकता को दर्शाता है। आप भी सावन सोमवार के अवसर पर और पूरे सावन में शिव की आरती ओम जय शिव ओमकार का गायन कीजिए
“जय शिव ओंकारा ॐ जय शिव ओंकारा ।
ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥ ॐ जय शिव…॥
एकानन चतुरानन पंचानन राजे ।
हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥ ॐ जय शिव…॥
दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे।
त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥ ॐ जय शिव…॥
अक्षमाला बनमाला रुण्डमाला धारी ।
चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी ॥ ॐ जय शिव…॥
श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे ।
सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥ ॐ जय शिव…॥
कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूल धर्ता ।
जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता ॥ ॐ जय शिव…॥
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका ।
प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका ॥ ॐ जय शिव…॥
काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी ।
नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी ॥ ॐ जय शिव…॥
डिस्क्लेमर : इस लेख में दी गई जानकारियां धार्मिक मान्यताओं और पुराणों पर आधारित हैं। इसका उद्देश्य केवल श्रद्धालुओं को सामान्य जानकारी देना है।